Gehu Top Varieties 2024: किसानो को करोड़पति बनाने में नहीं छोड़ेगी कोई भी कसर गेंहू की ये 4 उन्नत किस्मे देखे होगा उम्मीद से ज्यादा का उत्पादन
Gehu Top Varieties 2024: किसानो को करोड़पति बनाने में नहीं छोड़ेगी कोई भी कसर गेंहू की ये 4 उन्नत किस्मे देखे होगा उम्मीद से ज्यादा का उत्पादन। आपको अधिक पैदावार देने वाली गेहूं की यह किस्म किसानों को मालामाल कर सकती है। गेहूं की यह किस्में किसानों को 100 से 150 क्विंटल अधिक पैदावार की ग्यारंटी देती है।
आज हम आपको गेहूं की 4 ऐसी वैरायटी बताने वाले हैं जो 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से आपको उत्पादन दे सकती है। साथ ही यह किस्म जल्दी पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म से भारत के जिन राज्यों में गेहूं की फ़सल उगाई जाती है उन राज्यों में गेहूं उत्पादन बड़ाया जा सकता है। गेहूं की सभी किस्मों की विशेषताएं नीचे दी गई है।
Gehu Top Varieties 2024: किसानो को करोड़पति बनाने में नहीं छोड़ेगी कोई भी कसर गेंहू की ये 4 उन्नत किस्मे देखे होगा उम्मीद से ज्यादा का उत्पादन
Pusa Tejas wheat variety
बतादे आपको यह किस्म 2019 से ही खेतो में उगाई जा रही हैं। जबलपुर के कृषि विश्वविद्यालय के प्रयोग में पूसा तेजस गेहू एक हेक्टेयर में 70 क्विंटल उत्पादन के बाद किसानों को यह किस्म दी गई। गेहूं की यह किस्म 110 – 115 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। इस किस्म को सिंचाई की कम जरूरत होती है।
Shri Ram 11 wheat variety
श्रीराम फर्टिलाइजर्स एण्ड कैमिकल्स के विश्वविख्यात गेहूँ वैज्ञानिकों द्वारा इस किस्म को तैयार किया गया है। श्री राम 11 पछेती बुवाई के लिए उपलब्ध है। यह लगभग 3 महीनो में पककर तैयार हो जाता है। इस किस्म का दाना चमकदार होता है, मध्यप्रदेश के किसानों के अनुसार श्री राम सुपर 111 22 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन होता हैं।
HD 4728 wheat variety
HD 4728 गेहूं की यह किस्म 125-130 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। Wheat एचडी 4728 (पूसा मलावी)का प्रति हेक्टेयर कुल 55 क्विंटल उत्पादन होता है। भूमि की उपजाऊ क्षमता के आधार HD 4728 गेहूं का भारत के सभी राज्यों में खेती की जा सकती है। यह किस्म 3 से 4 बार सिंचाई में पककर तैयार हो जाती है।
GW 322 wheat variety
आपकी जानकरी के लिए बतादे भारत के हृदय यानी मध्य प्रदेश राज्य में अधिक उगाई जाने वाली गेहूं की किस्म है जो करीब 4 महीनो में पक कर तैयार हो जाती है। GW 322 गेहूं की यह किस्म भारत के अन्य राज्यों में भी उगाई जा सकती है।इस किस्म को 3 से 4 बार सिंचाई की जरूरत होती है।